जनता के बाद कांग्रेस ने भी दी पप्पू की स्वीकारोक्ति:- भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट

देहरादून:- भाजपा अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने विधानसभा चुनाव में हारी विधानसभाओं में बूथ प्रबंधन को मजबूत करने का जिम्मा अपने हाथो में लिया है। वह ऐसी कुल 23 में से 6 विधानसभाओं का दौरा कर चुके हैं। प्रदेश अध्यक्ष भट्ट ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि प्रदेश के सभी 11729 बूथों को 50 फीसदी से अधिक मतों हासिल करने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए संगठन रात दिन एक किए है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री धामी प्रत्येक दिन दो से तीन विधानसभाओं में पार्टी प्रत्याशियों के पक्ष में जनता का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए प्रवास कर रहे हैं। वही वह स्वयं प्रत्येक बूथ को पार्टी का अभेद दुर्ग बनाने के लिए विधानसभा स्तर पर बूथ प्रबंधन समिति की बैठकें ले रहे हैं। जिसकी शुरुआत प्रदेश मैं पार्टी का संरक्षक होने के नाते उन्होंने विगत विधानसभा चुनाव में हारी गई 23 सीटों से शुरू किया है। जिसके तहत आज की दो अल्मोड़ा और द्वाराहाट  को मिलाकर कुल 6 विधानसभा बूथ प्रबंधन टोली की बैठक लेकर आवश्यक निर्देश दे चुके हैं।

जिसमे आज के अल्मोड़ा, द्वाराट विधानसभा से पहले बद्रीनाथ, रुद्रप्रयाग, प्रतापनगर, यमुनोत्री में वे बैठक ले चुके हैं। इसी क्रम में कल प्रदेश अध्यक्ष खानपुर एवं मंगलोर विधानसभा में बूथ प्रबंधन टोली बैठक लेकर महत्वपूर्ण टिप्स देंगे। उन्होंने बताया कि पार्टी को अपनी जीत पर पूरा विश्वास है लेकिन मतदान तक कोई भी गलती होने की गुंजाइश न हो इसको लेकर हम अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करते रहते हैं। पार्टी का उद्देश्य स्पष्ट है कि मतदान के प्रतिशत को बढ़ाते हुए, औसत 75 फीसदी वोट जनता के आशीर्वाद रूप में प्राप्त करना। इन बैठकों में बूथ प्रबंधन की टोलियों से मुलाकात कर उनके द्वारा आगामी एक सप्ताह की रणनीति को अंतिम रूप से साझा करने का प्रयास किया जा रहा है , ताकि इस दौरान होने वाले कार्यक्रमों सफलतम रूप से आयोजित कर जनता का अधिक से अधिक विश्वास अर्जित किया जाए। प्रदेश अध्यक्ष ने कांग्रेस में भी पप्पू अभियान पर तंज कसते हुए कहा कि जनता के बाद अब कांग्रेस के नेताओं ने भी स्वीकार लिया है कि कौन पप्पू है?  पप्पू अभियान मे कितने पप्पू कांग्रेस में निकलने वाले हैं ,उनकी गिनती भी जनता के सामने आ जाएगी। फिलहाल इस तरह के राजनैतिक पप्पुओं की जरूरत तो हरीश रावत और कांग्रेस में ही हैं, जनता को नहीं।

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