नैनीताल हाईकोर्ट ने निकाय चुनाव आरक्षण नियमावली को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के बाद याचिकाकर्ताओं को चार हफ्ते में प्रतिशपथपत्र दाखिल करने को कहा

नैनीताल हाईकोर्ट ने निकाय चुनाव व पंचायत चुनाव कराने के लिए जारी आरक्षण नियमावली 2024 को चुनौती देने वाली अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई के बाद याचिकाकर्ताओं को चार हफ्ते में प्रतिशपथपत्र दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। मामले की अगली सुनवाई तीन मार्च को होगी। न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की एकलपीठ ने इस मामले में कोई अंतरिम आदेश नहीं दिया। निकाय चुनाव के लिए 23 जनवरी को मतदान और 25 को मतगणना होनी है। ऐसे में फिलहाल चुनाव जारी रहने में कोई बाधा नजर नहीं आ रही है।
इस मामले में दायर सभी याचिकाओं पर शुक्रवार को एक साथ देर शाम तक सुनवाई हुई। याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया कि राज्य सरकार ने नियमों को ताक पर रख कर आरक्षण की अधिसूचना जारी की है। इस पर राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि नियमों के तहत ही निकायों के आरक्षण तय किए गए हैं।
इसे चुनाव याचिका के रूप में चुनौती दी जानी चाहिए, अन्य याचिका में नहीं। इसका विरोध करते हुए याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया कि अभी चुनाव नहीं हुए हैं। इसलिए आरक्षण की अधिसूचना को चुनौती दी है न कि किसी जीते हुए उम्मीदवार को मिले वोट व अन्य आधार पर।
हाईकोर्ट में इस मामले पर कई याचिकाएं दायर हुईं हैं। इसमें कहा गया है कि राज्य सरकार की ओर से निकायों के अध्यक्ष पदों के लिए जो आरक्षण प्रक्रिया अपनाई गई है वह असांविधानिक और कानूनी प्रावधानों के विपरीत है। सरकार ने आरक्षण जनसंख्या और रोटेशन के आधार पर सुनिश्चित नहीं किया है।

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