चारधाम यात्रा का दूसरा चरण शुरू हो चुका है। बरसात कम होने के साथ ही यात्रा ने रफ्तार पकड़नी शुरू कर दी है, लेकिन बदरीनाथ हाईवे सुधारने का काम सुस्त चाल से हो रहा है। गौचर से लेकर बदरीनाथ तक एक दर्जन से अधिक जगह पर हाईवे बदहाल है, जो धाम जाने और वहां से आने वाले यात्रियों की कड़ी परीक्षा लेगा।
जिले की प्रवेश सीमा गौचर में ही दो जगह पर बदरीनाथ हाईवे पर बड़ी चुनौती है। यहां चटवापीपल और कमेड़ा में मलबा आने के कारण हाईवे बार-बार बंद हो रहा है। नंदप्रयाग में पिछले कई दिनों से हाईवे बंद पड़ा हुआ है। जिसके चलते सैकोट कोठियालसैंण-चमोली से वाहनों की आवाजाही कराई जा रही, लेकिन यह मार्ग काफी संकरा है, जिससे यहां दिन भर जाम की स्थिति बन रही है।
इसके आगे भनेर पाणी, चाड़ा तोक, कौड़िया, पागल नाला, तंगणी, पातालगंगा, बिरही, कौड़िया, जोशीमठ से आगे टैया पुल सहित अन्य जगह पर बदरीनाथ हाईवे की स्थित बदहाल है। ऐसे में बदरीनाथ धाम के दूसरे चरण की यात्रा कैसे निर्बाध रूप से संपन्न कराई जाएगी, यह सबसे बड़ा सवाल है।
बदरीनाथ धाम की यात्रा बरसात में धीमी पड़ गई थी, लेकिन बारिश थमने के बाद पिछले एक सप्ताह में बदरीनाथ धाम में 23 हजार से अधिक यात्री दर्शन करने पहुंचे हैं। 15 सितंबर तक धाम में 9,69,815 यात्री दर्शन करने के लिए पहुंच चुके हैं। रविवार को 5,285 श्रद्धालुओं ने बदरीनाथ के दर्शन किए। दो जुलाई के बाद पहली बार धाम में इतने अधिक तीर्थयात्री दर्शन के लिए पहुंचे हैं। दो जुलाई को यहां 8,132 यात्री पहुंचे थे, उसके बाद यात्रियों की संख्या काफी कम हो गई थी।