मसूरी में जाम से राहत: जिलाधिकारी ने शुरू की शटल बस सेवा, किंक्रेग पार्किंग को फिर से करेंगे सक्रिय

मसूरी को जाम से राहत दिलाने के लिए जिलाधिकारी देहरादून सविन बंसल ने बैठक में बड़ा फैसला लिया है। डीएम ने मसूरी में शटल बस सेवा शुरू करने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए किंक्रेग पार्किंग को फिर से शुरू किया जाएगा। पार्किंग से पुस्तकालय और पिक्चर पैलेस तक यह शटल सेवा होगी। पहले चरण में दो किमी दायरे में दो बसें चलाई जाएंगी। अधिकारियों को 10 दिन में टेंडर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।
पुलिस विभाग किंक्रेग में कार्यालय बनाकर कंप्यूटर नेटवर्क स्थापित करेगा। पुलिस के पास सभी होटलों की पार्किंग की जानकारी रहेगी। होटलों में पार्किंग फुल होने पर वाहनों को किंक्रेग में ही रोका जाएगा। किंक्रेग से आगे शटल सेवा के माध्यम से पर्यटकों को रवाना किया जाएगा। जिलाधिकारी ने कहा कि इस व्यवस्था के लिए जो भी संसाधन जरूरी होंगे, इसके लिए फंड वह उपलब्ध कराएगें। उन्होंने एसडीएम मसूरी, पुलिस अधीक्षक यातायात एवं अधिशासी अधिकारी नगर पालिका परिषद मसूरी को जल्द कार्यवाही के निर्देश दिए। बैठक में पुलिस अधीक्षक यातायात मुकेश कुमार, संयुक्त मजिस्ट्रेट मसूरी अनामिका, उप जिलाधिकारी मुख्यालय शालिनी नेगी सहित नगर पालिका परिषद मसूरी के अधिकारी उपस्थित रहे।
शटल बस अन्य बसों की तुलना में कम दूरी तय करती हैं। आमतौर पर शटल बसें दो स्टॉपेज के बीच दोनों दिशाओं में संचालित होती हैं। शटल बसों का उपयोग कई अवसरों पर किया जा सकता है। मसूरी में पर्यटकों को पार्किंग से गंतव्य तक पहुंचाने के लिए शटल बस सेवा का प्रयोग किया जाएगा।

मूल निवास, भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति की ओर से आज ऋषिकेश में स्वाभिमान महारैली निकाली गई। जिसमें बड़ी संख्या में समिति के सदस्य एकत्रित हुए। इस दाैरान सरकार से मूल निवास, भू-कानून की मांग की। साथ ही प्रदेश में बढ़ते नशे के अपराध को दूर करने की भी मांग की। महारैली आईडीपीएल से त्रिवेणीघाट तक निकाली गई। समिति संयोजक मोहित डिमरी ने कहा कि समिति लंबे समय से प्रदेश में सशक्त भू-कानून और मूल निवास की मांग कर रही है। सशक्त भू-कानून नहीं होने से उत्तराखंड की शांत वादियां अपराध का अड्डा बन गई हैं।
प्रदेश में ड्रग्स माफिया, भू-माफिया, खनन माफिया गोरखधंधे कर रहे हैं। इसलिए उत्तराखंड में भी हिमालयी राज्य हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर सशक्त भू-कानून लागू करने की जरूरत है। इसके अलावा प्रदेश में 1950 मूल निवासी लागू होना चाहिए। साथ ही समय-समय पर मूल और स्थाई निवासी का सर्वेक्षण होना जरूरी है।
कहा कि उत्तराखंड की जनता जल्द ही नहीं जागी तो भविष्य में प्रदेश दयनीय स्थिति में पहुंच सकता है। इसके लिए हम सबको मिलकर आवाज उठानी होगी। बता दें कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एलान किया है कि उनकी सरकार वृहद भू-कानून लाने जा रही है। अगले साल बजट सत्र में कानून का प्रस्ताव लाया जाएगा। लेकिन समिति जल्द से जल्द भू कानून को लागू करने की मांग कर रही है।

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