वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने हवा में निरंतर बढ़ रहे प्रदूषण के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी समेत पूरे एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस सिस्टम यानी ग्रैप के पहले चरण को लागू कर दिया है। यह मंगलवार सुबह आठ बजे से प्रभावी होगा। इसके तहत आतिशबाजी, होटल-रेस्तरां में कोयला व जलाऊ लकड़ी के उपयोग पर पूर्ण पाबंदी होगी। खुले में कूड़ा फेंकना व कचरा जलाना भी प्रतिबंधित होगा।
ग्रैप के पहले चरण में खासतौर पर ऐसे उपाय किए जाते हैं, जो सर्दी के मौसम में प्रदूषण रोकने में कारगर हों। इनमें निर्माण स्थलों पर धूल खत्म करने के लिए पानी का छिड़काव, सड़कों की नियमित सफाई, बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल वाहनों की सख्त जांच, बेहतर यातायात प्रबंधन के साथ ही उद्योग, बिजली संयंत्रों और ईंट-भट्टा, हॉट मिक्स प्लांट से उत्सर्जन को नियंत्रित करना शामिल है। दिल्ली सरकारएक जनवरी तक पटाखे जलाने, रखने और बनाने पर पहले ही रोक लगा चुकी है।
इसके अलावा, पूर्वी और पश्चिमी परिधीय एक्सप्रेसवे से दिल्ली के लिए ट्रक यातायात के डायवर्जन पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश लागू होंगे। थर्मल पावर प्लांट में उत्सर्जन मानदंड लागू होंगे। औद्योगिक और गैर विकास के क्षेत्र में औद्योगिक कचरे का प्रतिदिन उठाव होगा। नियमों को नहीं मानने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, सोमवार शाम 4 बजे दिल्ली में औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 234 दर्ज किया गया, जो खराब श्रेणी में है। रविवार को यह 224 पर था। बोर्ड की उप समिति की बैठक में पाया गया कि आने वाले दिनों में वायु गुणवत्ता खराब श्रेणी में ही रहेगी। इसलिए, सर्वसम्मति से 27 सूत्रीय ग्रैप के पहले चरण को लागू करने का फैसला किया।