नैनीताल जिले में 49 हजार 909 हेक्टेयर कृषि भूमि में 48 हजार 735 किसान खेती कर रहे हैं। यह किसान गेहूं, चावल, मडुआ, गन्ना, सावन, मक्का, दाल, मशरूम, तेजपात, सेब, आलू, गोभी, धनिया, पालक, मेथी, टमाटर, सोयाबीन, टिंडा, भिंडी, तोरी, मिर्च, मक्का, खीरा व लौकी आदि प्रकार के फसलों की खेती करके अपने परिवार की आजीविका चला रहे हैं। ये किसान भीमताल, कोटाबाग, ओखलकांडा, रामनगर, धारी, रामगढ़, हल्द्वानी व बेतालघाट ब्लॉक के हैं, लेकिन जिले के किसानों को राजकीय प्रजनन उद्यान भीमताल के आउटलेट धोखा देकर नकली बीज दे रहा था।
बताया जा रहा है कि नैनीताल में किसानों को बीज उपलब्ध कराने के नाम पर पिछले काफी समय से खेल हो रहा था। कृषि विकास योजना के अंतर्गत संचालित आउटलेट जिले के किसानों को उपलब्ध कराए जा रहे बीज के पैकेट पर यूपी का फर्जी बार कोड लगाया गया था। जहां से पहाड़ के किसानों को गुणवत्तापूर्ण बीज न देकर नकली एवं घटिया क्वालिटी का बीज दिया जा रहा था। बताया जा रहा है कि सरकार द्वारा प्रमाणित उच्च क्वालिटी के बीज को संबंधित आउटलेट दूसरे प्रदेश को सप्लाई कर कालाबाजारी कर रहा था, जिससे आउटलेट संचालक के कालाबाजारी पकड़ में नहीं आ रहा था।
भीमताल के एक प्रशासनिक अधिकारी ने बताया कि कुछ समय पहले भीमताल ब्लॉक के एक गांव के किसान ने भीमताल राजकीय प्रजनन उद्यान के आउटलेट से मटर एवं सरसों का बीज लिया था। जिस पर लगाए गए बार कोड को पढ़ने पर उसमें यूपी का पता मिला। बार कोड स्कैन करने की उन्हें जानकारी होने के चलते उन्होंने बार कोड को अपने मोबाइल फोन से स्कैन किया, लेकिन बार कोड स्कैन नहीं हुआ। उनके एक रिश्तेदार कृषि विभाग में अधिकारी हैं। जिनसे उन्होंने बीज पर बार कोड के बारे में बताया। तब बार कोड फर्जी होने का पता चला।
उन्होंने इसकी शिकायत कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत से कराई। जिस पर कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने गुरुवार देर शाम को भीमताल स्थित राजकीय प्रजनन उद्यान के परंपरागत कृषि विकास योजना के अंतर्गत संचालित आउटलेट पर छापेमारी की। जहां पर कालाबाजारी का मामला पकड़ में आया और आउटलेट को सील करा दिया गया।