उत्तराखंड में बस दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए परिवहन निगम ने नई कार्य-योजना बनाई

देहरादून:- बसों से होने वाली दुर्घटना पर नियंत्रण के लिए उत्तराखंड परिवहन निगम की ओर से विशेष कार्य-योजना (एसओपी) जारी की गई है। बता दें कि, दो दिन पहले डयूटी में आवंटन को लेकर चल रही खींचतान के बीच मसूरी से दिल्ली जा रही बस दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। बस पर जिस चालक को जाना था, उसके बदले दूसरे चालक को भेजा गया था। अब परिवहन निगम के महाप्रबंधक (संचालन) पवन मेहरा ने सभी डिपो प्रबंधकों को बसों को मार्ग पर भेजने से पूर्व नियमों का अनुपालन सुनिश्चित कराने के आदेश दिए हैं।
पांच सीएनजी बसें हो चुकी हैं दुर्घटनाग्रस्त
परिवहन निगम की मसूरी से दिल्ली जा रही बस के दुर्घटना के संबंध में दैनिक जागरण ने रविवार के अंक में समाचार प्रकाशित किया था। इसके अलावा पिछले दिनों दिल्ली-देहरादून व दिल्ली-हरिद्वार मार्ग की भी पांच सीएनजी बसें दुर्घटनाग्रस्त हो चुकी हैं।
पर्वतीय मार्गों पर भी बसों के ब्रेक फेल होने या अन्य कारणों से पहाड़ी से टकराने के मामलों में वृद्धि हुई है। ऐसे में अब परिवहन निगम ने अपनी बसों और अनुबंधित बसों को लेकर कार्य-योजना जारी की है। महाप्रबंधक पवन मेहरा ने बसों को मार्गों पर भेजने से पूर्व पूरी फिटनेस जांच, बसों के खिड़की-दरवाजे, टायर, शीशे, सीटों व तकनीकी जांच के आदेश दिए हैं।

बसों में टायर, लाइट, इंजन और स्टेयरिंग आदि की समस्या की जांच कार्यशाला के फोरमैन को अनिवार्य रूप से नियमित करने को कहा गया है। अनुबंधित बसों में यह जांच बस चालक व बस स्वामी की ओर से की जाएगी और डिपो अधिकारी को कमी से अवगत कराया जाएगा।
बसों की प्रदूषण जांच अनिवार्य रूप से कराने और सभी बसों में प्रदूषण जांच का प्रमाण-पत्र रखने का आदेश दिया गया है। चालकों के ड्राइविंग लाइसेंस की वैधता की जांच के ही मार्गों पर भेजने, चालकों को अनिवार्य रूप से विश्राम देने, चालकों को निर्धारित गति पर वाहन चलाने, निर्धारित मार्ग पर बस संचालन करने, प्रत्येक दिन पांच-पांच चालक परिचालकों को सहायक महाप्रबंधक की ओर से दुर्घटना नियंत्रण के प्रति जागरूक करने और इसकी रिपोर्ट निगम मुख्यालय को भेजने का आदेश दिया गया है। लंबे समय से खराब बसों की समीक्षा रिपोर्ट भी मांगी गई है।
नशे की जांच के आदेश
मार्ग पर जाने से पहले चालक-परिचालकों की नशे से संबंधित जांच के आदेश दिए गए हैं। पूर्व में ऐसे मामले सामने आ चुके हैं जब चालक-परिचालक नशे में मिले और यात्रियों से अभद्रता की गई। डिपो अधिकारियों को आदेश दिए गए हैं कि नशे में मिलने वाले चालक को डयूटी पर न भेजा जाए और उसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाए। इसके अलावा बस संचालन के दौरान मोबाइल पर बात करने, बीड़ी-सिगरेट व गुटखा खाने पर भी रोक लगा दी गई है। बसों में म्यूजिक सिस्टम पर भी रोक लगा दी गई है।

 

 

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