राज कुंद्रा पर छापेमारी, ईडी ने अश्लील सामग्रियों के प्रसारण और मनी लॉन्ड्रिंग की जांच तेज की

मोबाइल एप के जरिए अश्लील सामग्रियों को तैयार करने और प्रसारित करने से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग जांच को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कारोबारी राज कुंद्रा के घर और कार्यालयों पर छापेमारी की। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, ईडी ने शुक्रवार को अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी के पति समेत कुछ अन्य के परिसरों पर छापेमारी की। मुंबई और उत्तर प्रदेश में करीब 15 स्थानों पर तलाशी ली जा रही है। जांच मोबाइल एप्लीकेशन और अन्य माध्यमों से पोर्नोग्राफिक सामग्री के कथित वितरण में संदिग्धों की भूमिका से संबंधित है।
सूत्रों की मानें तो केंद्रीय जांच एजेंसी इनमें से किसी एक परिसर में राज कुंद्रा से पूछताछ भी कर रही है। मई 2022 का यह धन शोधन मामला राज कुंद्रा और अन्य के खिलाफ दायर मुंबई पुलिस की कम से कम दो प्राथमिकियों और आरोप-पत्रों से निकला है। राज कुंद्रा और कुछ अन्य को पुलिस ने मामले में गिरफ्तार भी किया था और बाद में उन्हें जमानत दे दी गई थी।
राज कुंद्रा के खिलाफ यह दूसरा धन शोधन मामला है। इस साल की शुरुआत में ईडी ने क्रिप्टो करेंसी मामले में राज कुंद्रा और शिल्पा शेट्टी की 98 करोड़ की संपत्ति कुर्क की थी। हालांकि, दंपति को ईडी के इस कुर्की आदेश के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट से राहत मिल गई थी। व्यवसायी ने 2021 में मुंबई की एक स्थानीय कोर्ट को बताया था कि अभियोजन पक्ष (मुंबई पुलिस) के पास ऐसा कोई सबूत नहीं है, जो कथित पोर्न फिल्म रैकेट में इस्तेमाल किए गए एप ‘हॉटशॉट्स’ को कानून के तहत अपराध से जोड़ सके।
जांच एजेंसी के मुताबिक, ‘हॉटशॉट्स’ एप का इस्तेमाल आरोपी व्यक्तियों की ओर से अश्लील सामग्री अपलोड करने और स्ट्रीम करने के लिए किया जा रहा था। राज कुंद्रा ने दावा किया था कि कथित संदिग्ध पोर्न सामग्री के निर्माण में उनके सक्रिय रूप से शामिल होने का कोई सबूत नहीं है। उन्होंने कहा था कि उन्हें झूठा फंसाया गया है और उनका नाम एफआईआर में भी नहीं है और मामले में प्रतिवादी (पुलिस) की ओर से उन्हें घसीटा गया है। राज कुंद्रा ने याचिका में दावा किया कि बलि का बकरा बनाया जा रहा है। पुलिस ने दो महिलाओं से मिली शिकायतों के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की थी, जबकि एक अन्य महिला ने मुंबई से लगभग 120 किलोमीटर दूर लोनावला पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी।
पुलिस ने बताया था कि जांच के दौरान पता चला कि कुछ छोटे कलाकारों को वेब सीरीज में मौका देने का लालच दिया गया था। इन कलाकारों को ऑडिशन के लिए बुलाया गया और उनसे ‘बोल्ड’ सीन देने को कहा गया। यही बाद में अश्लील निकले। यह कलाकारों पर दबाव बनाकर फिल्माए गए थे। पुलिस जांच के दौरान यह भी पता चला कि साइबरस्पेस में कई पॉर्न जैसे एप (एप्लीकेशन) चल रहे थे।
पुलिस ने अदालत को बताया था कि उसकी जांच में पाया गया कि राज कुंद्रा ने आर्म्सप्राइम मीडिया प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना की, जिसने लंदन स्थित केनरिन प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक वीडियो अपलोड करने के लिए हॉटशॉट्स एप खरीदा। राज कुंद्रा के फोन में केनरिन और उसके आर्थिक लेन-देन के बारे में व्हाट्सएप चैट मिली थी। इन बातचीत से यह भी पता चला कि उसने एक व्यक्ति को 1.2 मिलियन अमेरिकी डॉलर में 119 वयस्क फिल्में बेचने पर चर्चा भी की थी।

 

 

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